जीतू सोनी की पत्नी उषा, मां विमलादेवी और भाई हुकम की पत्नी किरण सोनी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर जान को खतरा बताकर पैरामिलिट्री फोर्स की सुरक्षा देने की मांग की। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। परिवार ने याचिका में यह भी मांग रखी थी कि पुलिस द्वारा कोई भी एफआईआर दर्ज करने से पहले जांच की जाना चाहिए। जांच के लिए एसआईटी बनाना चाहिए। हाई कोर्ट ने उनकी यह मांग भी खारिज कर दी। प्रशासनिक जज सतीशचंद्र शर्मा की एकल पीठ के समक्ष बुधवार को यह याचिका दायर की गई।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि याचिका में यह कहीं नहीं बताया गया है कि सोनी परिवार की महिलाओं को पैरामिलिट्री फोर्स की सुरक्षा क्यों चाहिए? रही बात केस दर्ज किए जाने की तो सारी प्रक्रिया नियमानुसार हो रही है। सभी शिकायतों की पहले जांच कर एफआईआर के आदेश जारी किए जाएंगे तो पीड़ित लोगों को न्याय मिलने में लंबा वक्त लगेगा। जीतू सोनी के खिलाफ अब तक जितनी भी एफआईआर हुई हैं, उनमें सीधे साक्ष्य उपलब्ध हैं। एेसा साक्ष्य जिनकी जांच करने की भी जरूरत नहीं है। पीड़ित लोग दस्तावेज के साथ पुलिस के पास जाकर व्यथा बता रहे हैैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोनी परिवार की याचिका खारिज कर दी।
संपत्ति कुर्की के लिए शुरू की तैयारी : पुलिस ने जीतू, उसके भाई हुकुम और महेंद्र की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी है। कोर्ट से इनके गिरफ्तारी वारंट जारी करवा लिए हैं। वारंट तामीली के लिए कोर्ट से धारा-82 के तहत एक उद्घोषणा भी जारी करवा दी है। इसमें स्पष्ट है कि फरार आरोपी कोर्ट या थाने में 3 फरवरी तक हाजिर हों। अन्यथा पुलिस धारा-83 के तहत कार्रवाई करेगी।
बड़वानी प्लाजा... जीतू ने माय होम ले जाकर हत्या की धमकी दी
इंदौर | जीतू के खिलाफ मुंबई के ज्वेलर्स के बेटे ने बड़वानी प्लॉजा में उसकी जिन 21 दुकानों को हड़पने का केस दर्ज करवाया है, उनकी जानकारी पुलिस नगर निगम से निकाल रही है। इन दुकानों की रजिस्ट्री किसके नाम है और कौन संपत्ति कर भर रहा है, यह सब पता करने के बाद मामले में धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाई जाएगी। फिलहाल, पुलिस दुकान के असली मालिकों का पता लगाकर उनके बयान व दस्तावेज चेक करेगी। वहीं, यह बात सामने आई है कि जीतू ने ज्वेलर्स के बेटे को माय होम में ले जाकर जान से खत्म करने की धमकी देकर डरा दिया था।
पलासिया टीआई विनोद दीक्षित के अनुसार, फरियादी राजीव थालेसर निवासी बोरीवली ईस्ट के पिता हरेश भाई थालेसर मुंबई में ज्वेलर्स थे। राजीव ने पुलिस को बताया कि मेरे पिता ने जीतू के भाई हुकुम से व्यापार के तहत 51 लाख रुपए का सोना वर्ष 1988 से 91 तक टुकड़ों में लिया था। इसकी रसीदें पिता के पास थीं। इन रसीदों के आधार पर सोने का रुपया पिता को हुकुम से लेना था। राजीव ने बताया कि पिता इंदौर आए तो हुकुम ने उनसे रसीदें यह कहकर ले लीं कि बड़वानी प्लाजा में इन रुपयों के एवज में बेसमेंट की 21 दुकानें (1, 8, 9, 17, 18, 19, 23, 26, 27, 28, 30, 31, 32, 33, 34, 38, 52, 53, 57, 58 और 59) उनके नाम कर रहे हैं।
तनाव में पिता बीमार हुए, फिर माैत हो गई
राजीव ने बताया हुकुम ने 21 दुकानें देने का बोलकर चार मुख्त्यारनामे बनाए। एक पिता के और बाकी तीन पार्टनर भूपेंद्र थालेसर, भरत भाई मेहता व कीर्ति भाई महेता के नाम दुकानें दर्ज करवा दीं। इसके बाद 1992 से पिता हुकुम के पास आते-जाते रहे। यहां जीतू अाैर महेंद्र भी मिलते थे। पिता ने दुकानों पर कब्जे के लिए कहा तो हुकुम, जीतू ने कब्जा नहीं दिया अाैर पिता को हत्या की धमकी देकर डरा दिया। राजीव के अनुसार, 2003 में मैं पिता के साथ इंदाैर आया था तो इन तीनों आरोपियों ने पिता को रुपए अाैर दुकानें नहीं लौटाने की बात बाेली अाैर धमकाया। इसी तनाव में पिता बीमार हाे गए अाैर 2005 में माैत हाे गई। इसके बाद मैं लगातार इंदाैर अाकर हुकुम, जीतू, महेंद्र से मिलता रहा, लेकिन वे धमकाकर लौटा देते थे। आखिरी बार मैं 20 नवंबर 2019 को इंदौर आया तो तीनाें ने मुझे ‘माय होम होटल’ ले जाकर हत्या की धमकी दी। मुंबई में भी उनके गुंडाें ने हमें धमकाया।